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सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप || आचार्य प्रशांत, गुरु कबीर पर (2018)

2019-10-31 7 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग, हार्दिक उल्लास शिविर<br />१५ सितम्बर २०१८<br />लैंसडाउन, उत्तराखंड<br /><br />दोहा:<br />सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप ।<br />जाके हृदय सांच है, ताके हृदय हरी आप। (गुरु कबीर)<br /><br />प्रसंग:<br />अध्यात्म में तप का क्या महत्त्व है?<br />सांच का क्या अर्थ है?<br />तपस्या का क्या अर्थ है?<br />सत्य को तप के सामान क्यों बताया गया है?<br />पाप क्या है?<br />गुरु कबीर के वचनों को कैसे समझें?<br />पाप कितने तरह के होते है?<br />पाप के फल से मुक्ति कैसे पाए?<br />पुण्य क्या है?<br />पुण्य कैसे पाए?<br />पाप और पुण्य में क्या भेद है?

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